
नीलिमा चौहान
नीलिमा पेशे से शिक्षिका हैं और फ़िलवक़्त दिल्ली विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज (सान्ध्य) में एसोसिएट प्रोफ़ेसर हैं। वे एक माँ, बेटी, पत्नी, दोस्त और लेखिका जैसी बेहद व्यवस्थित भूमिकाओं में भी हैं। गुत्थी ये है कि वे बोहेमियन, हिप्पी, बाइक गैंग की सरगना, स्लट-नेत्री क्यों नहीं हैं। दरअसल वे ख़ुद को अन्तर्मन की खोजी ज़्यादा मानती हैं। शब्द और चुप्पी की स्त्री-भाषा में जो कुछ अनकहा रह जाता है उसे ताड़ना और कह देना अपना असली काम समझती हैं। बाग़ी प्रेम-विवाहों के आख्यानों के सम्पादित संकलन के बाद अब 'पतनशील पत्नियों के नोट्स' आपके हाथों में है।