
सम्पादन एवं अनुवाद डॉ. रीतामणि वैश्य
डॉ. रीतामणि वैश्य गौहाटी विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की सहयोगी आचार्या हैं। आपने कॉटन कॉलेज से स्नातक और गौहाटी विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। डॉ. वैश्य ने गौहाटी विश्वविद्यालय से ही ‘नागार्जुन के उपन्यासों में चित्रित समस्याओं का समीक्षात्मक अध्ययन' शीर्षक विषय पर पीएच.डी. की। आपके निर्देशन में कई शोधार्थियों को एम. फिल. की डिग्री मिली है और वर्तमान में आपके निर्देशन में कई एम.फिल. और पीएच.डी. कर रहे हैं। डॉ. वैश्य पूर्वोत्तर की विशिष्ट हिन्दी लेखिका के रूप में जानी जाती हैं। आप असमीया और हिन्दी- दोनों भाषाओं में लेखन कार्य करती आ रही हैं। हिन्दी में सर्जनात्मक लेखन के प्रति आपकी विशेष रुचि रही है। कहानी आपकी प्रिय विधा है। आप पत्रिकाओं की सम्पादक होने के साथ-साथ एक सफल अनुवादक भी हैं। पिछले कई वर्षों से आप पूर्वोत्तर भारत के विविध पहलुओं को हिन्दी के ज़रिये प्रकाशित करने का काम करती आ रही हैं । प्रकाशित पुस्तकें : मृगतृष्णा (कहानी संकलन), रुक्मिणी हरण नाट, असम की जनजातियों का लोकपक्ष एवं कहानियाँ, हिन्दी साहित्यालोचना (असमीया), भारतीय भक्ति आन्दोलनत असमर अवदान (असमीया), हिन्दी गल्पर मौ-कोह (हिन्दी की कालजयी कहानियों का अनुवाद), सीमान्तर संवेदन (असमीया में अनूदित काव्य संकलन), प्रॉब्लेम्स एज डीपिक्टेड इन द नोवेल्स ऑफ़ नागार्जुन (अंग्रेज़ी)। प्रकाशनाधीन पुस्तकें : असम का जातीय त्योहार बिहु, भक्ति आन्दोलन की अनमोल निधि शंकरदेव के नाट (विश्लेषण सहित अनुवाद), भक्ति आन्दोलन की अनमोल निधि माधवदेव के नाट (विश्लेषण सहित अनुवाद), भूपेन हाजरिका : जीवन और गीत । प्रकाशन के लिए प्रस्तुत पुस्तक : भारतीय भक्ति आन्दोलन के सन्दर्भ में शंकरदेव । पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन : विश्व हिन्दी साहित्य, साहित्य यात्रा, मानवाधिकार पत्रिका : नयी दिशाएँ, पूर्वोत्तर सृजन पत्रिका, स्नेहिल, दैनिक पूर्वोदय (समाचार-पत्र) आदि में कहानियाँ प्रकाशित । समन्वय पूर्वोत्तर, भाषा, विश्वभारती पत्रिका, पंचशील शोध समीक्षा, समसामयिक सृजन, प्रान्तस्वर आदि पत्रिकाओं में शोध आलेखों का प्रकाशन । सम्पादन : पूर्वोदय शोध मीमांसा, शोध-चिन्तन पत्रिका (ऑनलाइन), पूर्वोत्तर सृजन पत्रिका (ऑनलाइन) का सम्पादन । डॉ. वैश्य को असम की महिला कथाकारों की श्रेष्ठ कहानियों का अनुवाद 'लोहित किनारे' के लिए सन् 2015 में केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय द्वारा हिन्दीतर भाषी हिन्दी लेखक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।