
भोलानाथ तिवारी
भोलानाथ तिवारी - (4 नवम्बर, 1923-25 अक्टूबर, 1989) गाजीपुर (उ.प्र.) के एक अनाम ग्रामीण परिवार में जन्मे डॉ. भोलानाथ तिवारी का जीवन बहुआयामी संघर्ष की अनवरत यात्रा थी, जो अपने सामर्थ्य की चरम सार्थकता तक पहुँची। बचपन से ही भारत के स्वाधीनता-संघर्ष में सक्रियता के साथ-साथ अपने जीवन संघर्ष में कुलीगिरी से आरम्भ करके अन्ततः प्रतिष्ठित प्रोफेसर बनने तक की जीवन्त जययात्रा डॉ. तिवारी ने अपने अन्तःज्ञान और कर्म में अनन्य आस्था के बल पर गौरव सहित पूर्ण की। हिन्दी के शब्दकोशीय और भाषा-वैज्ञानिक आयाम को समृद्ध और सम्पूर्ण करने का सर्वाधिक श्रेय मिला डॉ. तिवारी को। भाषा-विज्ञान, हिन्दी भाषा की संरचना, अनुवाद के सिद्धान्त और प्रयोग, शैली-विज्ञान, कोश-विज्ञान, कोश-रचना और साहित्य-समालोचन जैसे ज्ञान-गम्भीर और श्रमसाध्य विषयों पर एक से बढ़कर एक प्रायः अट्ठासी ग्रन्थ-रत्न प्रकाशित करके उन्होंने कृतित्व का कीर्तिमान स्थापित किया।