
रामकृष्ण
रामकृष्ण - हिन्दी के उन मसिजीवियों में हैं, जिनका धर्म भी लेखन रहा है और कर्म भी। जन्म: 29 नवम्बर, 1927 को लखनऊ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर करने के साथ ही पत्रकारिता के व्यवसाय में संलग्न। 'नेशनल हैरल्ड', 'द लीडर' और 'द पायनियर' के फीचर लेखक। उत्तर प्रदेश फ़िल्म पत्रकार संघ के संस्थापक और न्यूज़फीचर्स ऑफ़ इंडिया के सम्पादन-प्रमुख। ऋतुधर, प्रद्युम्न पण्डित और राका जैसे छद्म नामों से विशद लेखन। लगभग 20 पुस्तकें प्रकाशित। प्रमुख हैं—'अपना राज अपने आदमी', 'केले के खम्भे' (कहानी संग्रह); 'बेलग़ाम घोड़े', 'शैलेन्द्र : मेरा दोस्त, मेरा दुश्मन' (संस्मरण); 'कवि सन्त रामतीर्थ', 'भारतीय नवोदय के अग्रदूत' (जीवनी); 'उपलब्धि', 'प्रतीक्षा' (लघु उपन्यास); 'फ़िल्मी जगत में अर्धशती का रोमांच' (आत्मकथा)। 'फ़िल्मी जगत में अर्धशती का रोमांच' को वर्ष की सर्वश्रेष्ठ कृति के रूप में राष्ट्रपति द्वारा 'स्वर्णकमल' पदक सम्मान।