
सुन्दर चंद ठाकुर
सुन्दरचन्द ठाकुर - 11 अगस्त, 1968 की उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ ज़िले में जन्म। कम उम्र से ही साहित्य और पत्रकारिता की और झुकाव। विज्ञान से स्नातक होने के बाद 1992 में भारतीय सेना में कमिशन। रचनात्मक लेखन के लिए 1997 में सेना से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति। अगले छह वर्षो तक टाइम्स समूह में सुरक्षा अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए पत्र-पत्रिकाओं के लिए लेखन। 2003 में नवभारत टाइम्स, दिल्ली के सम्पादकीय विभाग से जुड़े। 2010 से नवभारत टाइम्स, मुम्बई के स्थानीय सम्पादक। पहला कविता संग्रह 'किसी रंग की छाया' 2007 में प्रकाशित। 2009 में येव्गिनी येव्तुशेंको की आत्मकथा का हिन्दी अनुवाद 'एक अजब दास्ताँ', 2011 में दूसरा कविता-संग्रह 'एक दुनिया है असंख्य' और 2013 में उपन्यास 'पत्थर पर दूब' का प्रकाशन। कविताएँ कई भारतीय भाषाओं के अलावा जर्मन में भी अनूदित। पहले कविता संग्रह के लिए भारतीय भाषा परिषद का युवा पुरस्कार। कविता के लिए भारतभूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार। उपन्यास पर 2015 का इन्दु शर्मा कथा यूके अवॉर्ड। सुन्दरचन्द ठाकुर हिन्दी के उन विरले लेखकों में हैं, जो मैराथन भी दौड़ते हैं। अब तक वे पाँच फुल मैराथन और दर्जन भर हाफ़ मैराथन दौड़ चुके हैं। उन्हें युवा क्रिकेटर उन्मुक्त चन्द के गुरु-गाइड के रूप में भी जाना जाता है। 2010 से वे मुम्बई में पत्नी शशिकला व बेटी सम्राज्ञी के साथ रह रहे हैं।