
वाणी बसु अनुवाद लिपिका साहा
वाणी बसु - जन्म: 11 मार्च, 1949। शिक्षा: स्कॉटिश चर्च कॉलेज से बी.ए. (अंग्रेज़ी ऑनर्स) तथा 1962 में कोलकाता विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए.। विजयकृष्ण गर्ल्स कॉलेज, हावड़ा में अध्यापन। छात्रावास से ही कविता, कहानी, आलेख लेखन, अनुवाद में संलग्न हैं। ‘श्री अरविन्देर सनेटगुच्छो (श्रृंवन्तु) ’ 'समरसेट ममेर सेरा प्रेमेर गल्प' (1984) एवं 'डी.एच. लारेन्सर सेरा गल्प' (1987)। पहली कहानी सन् 1981 में बांग्ला की प्रतिष्ठित पत्रिका 'आनन्दमेला' एवं 'देश' में प्रकाशित हुई थी। 'जन्मभूमि मातृभूमि' प्रथम प्रकाशित उपन्यास (1987) । पुरस्कार: ताराशंकर पुरस्कार (1991), साहित्य सेतु पुरस्कार, सुशीला देवी बिड़ला स्मृति पुरस्कार (1995), 'मैत्रेय जातक’ के लिए बांग्ला भाषा का प्रतिष्ठित 'आनन्द पुरस्कार’, बंकिम पुरस्कार एवं शिरोमणि पुरस्कार (1998), उपन्यास 'खना-मिहिरेर ढीपी' के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार (2010)। लिपिका साहा (अनुवादक) जन्म: 30 दिसम्बर, 1965। शिक्षा: गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक (1983)। लेखन कर्म: हिन्दी से बांग्ला एवं बांग्ला से हिन्दी में कई कहानियों, उपन्यासों एवं लेखों का अनुवाद। पहली अनूदित रचना 'पाथेर पांचाली' (2006), 'प्रथम आलोक' (सुनील गंगोपाध्याय), 'आमादेर कथा' (विजया राय), 'शराणागत' (समरेश मजुमदार), 'एकतारा', 'जर्म की पलकें' (तिलोत्तमा मजुमदार) जैसे प्रसिद्ध बांग्ला उपन्यासों का हिन्दी में अनुवाद।