घनश्याम पांडेय

घनश्याम पांडेय

डॉ. घनश्याम पाण्डेय - प्रारम्भ से ही गणित में गहन अभिरुचि। सन् 1960 में सागर विश्वविद्यालय से एम.एससी. (गणित) तथा 1963 में जेकोबी श्रेणी की अभिसारिता एवं संकलनीयता पर गहन शोध करके विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन से पीएच.डी. एवं 1968 में डी.एससी. की उपाधि प्राप्त की। हंगेरियन विज्ञान अकादमी, बुडापेस्ट में विज़िटिंग प्रोफ़ेसर, फुलब्राइट फ़ेलो (नॉर्थ-वेस्टर्न यूनिवर्सिटी, शिकागो, यू.एस.ए.) तथा भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (राष्ट्रपति निवास, शिमला) के फ़ेलो रहे हैं। 15 वर्ष गणित विभाग, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में आचार्य एवं अध्यक्ष तथा 6 वर्ष तक भारतीय गणित इतिहास परिषद के अध्यक्ष रहे। गणित की प्रसिद्ध जर्मन पत्रिका 'Zentralblatt fur Mathematik' (Berlin) में शोध-पत्रों के समीक्षक तथा 10 वर्ष तक 'Vikram Mathematical Journal' के सम्पादक रहे हैं। देश-विदेश की लब्धप्रतिष्ठ शोध-पत्रिकाओं में लगभग 64 शोध-पत्र तथा उच्च गणित पर 5 पुस्तकें प्रकाशित। एक अन्य पुस्तक Acharya Varahmihira & Development of Mathematics' भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान द्वारा प्रकाशनाधीन। 'वर:मिहिर' (उपन्यास) हिन्दी साहित्य में लेखक की प्रथम कृति ।

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