
हिमांशु जोशी
हिमांशु जोशी - हिन्दी के अग्रणी कथाकार। जन्म: 4 मई, 1935, उत्तरांचल। लगभग 29 वर्ष 'साप्ताहिक हिन्दुस्तान' में वरिष्ठ पत्रकार रहे। 'वागर्थ' के सम्पादक भी। गत 40 वर्षों से लेखन में सक्रिय 'अरण्य', 'महासागर', 'समय साक्षी है', 'छाया मत छूना मन', 'तुम्हारे लिए', 'सु राज', 'सागर तट के शहर' उपन्यास चर्चित रहे। 'अन्ततः तथा अन्य कहानियाँ', 'मनुष्य-चिह्न तथा अन्य कहानियाँ', 'जलते हुए डैने तथा अन्य कहानियाँ', 'इस बार फिर बर्फ़ गिरी तो', 'इकहत्तर कहानियाँ' आदि लगभग चौदह कहानी-संग्रह; 'नील नदी का वृक्ष', 'अग्निसम्भव' कविता संग्रह; 'यात्राएँ' तथा 'सूरज चमके आधी रात' यात्रा वृत्तान्त; 'यातना शिविर में' तथा 'आठवाँ सर्ग' संस्मरण उल्लेखनीय हैं। मराठी, गुजराती, कोंकणी, तमिल, मलयालम, पंजाबी, बांग्ला, असमी, ओड़िया, कन्नड़, उर्दू आदि अनेक भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त कुछ रचनाएँ अंग्रेज़ी, नेपाली, कोरियन, जापानी, नार्वेजियन इटालियन, चेक, बल्गेरियन, बर्मी, चीनी आदि में भी प्रकाशित। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, हिन्दी अकादमी दिल्ली राजभाषा विभाग बिहार तथा केन्द्रीय हिन्दी संस्थान (मानव संसाधन विकास मन्त्रालय) द्वारा पुरस्कृत/सम्मानित।