
Vijaychandra Jain
विजयचंद जैन एक कुशल लेखक के साथ-साथ समाजसेवी भी थे। वे साहित्य की कई विधाओं में पारंगत थे। उन्हें धर्म-संस्कृति, लेखन और समाजसेवा के क्षेत्र में अनेक पुरस्कार मिले। उन्होंने अपने जीवनकाल में दर्जनों पुस्तकों की रचना की, जो कई भाषाओं में अनूदित होकर देश-विदेश में पढ़ी गई। आज भी उनके पाठकों की एक बड़ी संख्या है।