
Shartchandra
शरतचन्द्र का जन्म 15 सितंबर, 1876 हुगली जिले के देवानन्दपुर में हुआ। वे बांग्ला के सबसे लोकप्रिय उपन्यासकार थे। उनकी अधिकांश कृतियों में गाँव के लोगों की जीवनशैली, उनके संघर्ष एवं उनके द्वारा झेले गए संकटों का वर्णन है। इसके अलावा उनकी रचनाओं में तत्कालीन बंगाल के सामाजिक जीवन की झलक मिलती है। शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के कई रचनाओं का कई भारतीय भाषाओं में पचास से अधिक फिल्मों में रूपान्तरण हुआ है। विशेष रूप से, उनके उपन्यास देवदास को सोलह संस्करणों में बनाया गया है तथा परिणीता को बंगाली, हिंदी और तेलुगू में दो बार बनाया गया है।