मानव जीवन का आरंभ सवालों से हुआ है। ब्रह्मांड की रचना कैसे हुई? सूर्य, चंद्रमा, पृथ्वी और तारे अस्तित्व में कैसे आए? दिनरात कैसे होते हैं? महासागर, महाद्वीप, देश, दुनिया, आविष्कार, जीवजंतु जगत् इत्यादि के प्रति लोगों के मन में सदैव तरहतरह के सवाल कौंधते रहते हैं। अगर हमारे मन में सवाल नहीं उठते तो आप व हम यह नहीं जान पाते कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है या सूर्य पृथ्वी के चारों ओर घूमता है। दरअसल, सवाल ही हमारे दिमाग को विकसित करते हैं। सवाल ही हमारे दिमाग की खुराक है। बच्चा जब पैदा होता है, वह अबोध होता है। बढ़ने के समय उसके मन में सवाल उठते हैं और उनके जवाब से उसका दिमाग विकसित होता है। \n\nअविकसित दिमाग मांस का एक लोथड़ा भर होता है। दिमाग के विकास के लिए सवाल करना और उनका जवाब पाना बेहद जरूरी है। जेम्स वॉट की सवाल करने की स्वाभाविक प्रवृत्ति ने ही उन्हें ‘महान् वैज्ञानिक’ बनाया। सवाल दरअसल वह बीज हैं, जो मानव मस्तिष्क को वट वृक्ष सरीखा विशाल बना सकते हैं। हम जितना ज्यादा सवाल करेंगे, उतना ही हमारा मस्तिष्क समृद्ध होगा। ‘1000 विश्व प्रश्नोत्तरी’ पुस्तक एक ऐसा वृहत् संकलन है, जो न केवल सवालों के प्रति आपकी जिज्ञासा बढ़ाता है, बल्कि उनके जवाब भी देता है और इस प्रकार मस्तिष्क विकास का एक सरलसहज माध्यम उपलब्ध कराता है। याद रखें, अगर आपके पास सभी जवाब हैं तो आप निश्चित रूप से सफल हैं।
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