आहत नाद एक ऐसा उपन्यास है जो हमारे समय और समाज से सीधे टकराता है। इस उपन्यास में हम राजनीतिक ताकत, माफिया, पुलिस-प्रशासन और न्यायतंत्र का गठजोड़ बेपर्दा होते देखते हैं।
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आहत नाद एक ऐसा उपन्यास है जो हमारे समय और समाज से सीधे टकराता है। इस उपन्यास में हम राजनीतिक ताकत, माफिया, पुलिस-प्रशासन और न्यायतंत्र का गठजोड़ बेपर्दा होते देखते हैं।
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