Aansoo Ka Vazan

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केदारनाथ सिंह की कविताओं का यह चयन सम्भवतः उनका सर्वाधिक प्रतिनिधि एवं प्रसन्न कविता संकलन है। यहाँ प्रायः सभी कविता पुस्तकों से, तथा कुछ बाहर से भी, स्वयं कवि द्वारा चुनी गयी कविताएँ संकलित हैं। विशेषकर वे कविताएँ जिनका आकार छोटा है। इनमें कुछ वो कविताएँ भी हैं, जैसे ‘जाना' या 'हाथ', जो कविता प्रेमियों को कण्ठस्थ हैं। अपने मूल संग्रह-आवास से बाहर एक अलग जैव-संगति में चिरपरिचित कविताएँ भी नया रंग और अर्थ धारण कर लेती हैं। यहाँ केदार जी के काव्य का सम्पूर्ण वर्णक्रम संयोजित है, उनके प्रिय विषय, जगहें, चरित्र, भोजपुरी के शब्द-मुहावरे, महीन विनोद वृत्ति और निष्कम्प प्रतिरोध भाव। और सर्वोपरि करुणा । बुद्ध और कबीर उनकी कविता के जल-चिह्न की तरह निरन्तर पेबस्त हैं। इसीलिए एक निस्पृहता और मृत्यु की जीवन्त उपस्थिति भी केदार जी की कविता की पहचान है। लेकिन सबसे ऊपर है केदारनाथ सिंह का उत्कट जीवन प्रेम, छोटी से छोटी बातों और वस्तुओं का गुणगान, और एक अपराजेय किसानी जीवट। इन कविताओं को पढ़ना एक महान् कवि के साथ सुबह की सैर की तरह है। केदार जी ने हमें इस पृथ्वी को नयी तरह से देखना सिखाया। हमें रास्ता बताया, उधर घास में पॅसे हुए खुर की तरह चमकता रास्ता। यह वो किताब है, शायद राग-विराग के बाद पहली चयनिका, जो कविता से प्रेम करने वाले हर व्यक्ति के थैले में होनी ही चाहिए। इतनी साफ़-सुथरी, निथरी कविताएँ एक साथ। एक अकेली किताब जो अनेक भावों विचारों से विभोर करती अकारण हममें गहरी लालसा और आर्द्रता जगाती है उसकी पूछती हुई आँखें भूलना मत नहीं तो साँझ का तारा भटक जायेगा रास्ता किसी को प्यार करना तो चाहे चले जाना सात समुन्दर पार पर भूलना मत कि तुम्हारी देह ने एक देह का नमक खाया है -अरुण कमल

जन्म : 19 नवम्बर, 1934, चकिया (बलिया), उत्तर प्रदेश। निधन 19 मार्च, 2018 1 । विधिवत् काव्य-लेखन 1952-53 के आसपास शुरू किया। सन् 1954 में पाल एलुआर की प्रसिद्ध कविता स्वतन्त्रता का अनुवाद किया, जिसके जरिये नयी सौन्दर्य-दृष्टि और समकालीन काव्य-चेतना से पहला परिचय हुआ। कुछ समय तक बनारस से निकलनेवाली अनियतकालिक पत्रिका हमारी पीढ़ी से सम्बद्ध रहे। पहला कविता संग्रह अभी बिल्कुल अभी सन् 1960 में प्रकाशित। उसी वर्ष प्रकाशित तीसरा सप्तक के सहयोगी कवियों में से एक। काव्यपाठ के लिए अमरीका, रूस, कजाकिस्तान, लन्दन, पेरिस, इटली आदि देशों की यात्राएं। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित, जिनमें प्रमुख हैं भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान (मध्य प्रदेश), कुमारन आशान पुरस्कार (केरल), दिनकर पुरस्कार (बिहार), जीवन भारती सम्मान (उड़ीसा), भारतभारती सम्मान (उत्तर प्रदेश), गंगाधर मेहर राष्ट्रीय कविता सम्मान (उड़ीसा), जाशुआ सम्मान (आन्ध्र प्रदेश), त्यास सम्मान आदि। अंग्रेजी, स्पेनिश, रूसी, जर्मन, हंगेरियन तथा प्रायः सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में कविताओं के अनुवाद फ्रेंच तथा इतालवी में 'बाघ' शीर्षक लम्बी कविता के अनुवाद पुस्तकाकार प्रकाशित। प्रकाशित कृतियाँ : अभी बिल्कुल अभी, ज़मीन पक रही है, यहाँ से देखो, अकाल में सारस, उत्तर कबीर और अन्य कविताएं, तॉलस्ताय और साइकिल, वाघ, सृष्टि पर पहरा, मतदान केन्द्र पर चुप्पी तथा प्रतिनिधि कविताएँ (काव्य-संग्रह)। कल्पना और छायावाद, आधुनिक हिन्दी कविता में बिम्वविधान मेरे समय के शब्द, कब्रिस्तान में पंचायत तथा मेरे साक्षात्कार ( गद्य कृतिया)।

केदारनाथ सिंह

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