असत्यमेव जयते...? (हिन्दी) | Asatyamev Jayate...?

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हाँ... अ-सत्यमेव जयते ! यही चलता आ रहा है... भारत का इतिहास अक्षम्य रूप से बिगाडा गया है... पीढ़ियों को जानबूझकर गुमराह किया गया है... जिस भारत से सोने का धुआँ निकलता था, जिस समृद्ध, गौरवशाली भारत को ढुंढने कोलबंस और वास्को - डी - गामा युरोप से बाहर निकले, भारत, जिसका 18 वीं शताब्दी तक पुरे विश्व के व्यापार में 24 प्रतिशत हिस्सा था, उसके इतिहास को सोच समझकर कलंकित किया गया, हमें मानसिक रूप से अपंग बनाया गया, यह महसूस कराया गया की जो जो भारतीय है वह अभद्र है और सारे भारतीय निकम्में है... सत्य की निरंतर विकृति कर के असत्यमेव जयते का नारा अंधाधुंध लगाया गया... अभिजित जोग की यह असाधारण विद्वतापूर्ण पुस्तक, जो संदर्भ के साथ सत्य की खोज करती है, असत्य की दीवारों को ध्वस्त करती है, सत्य इतिहास पर जोर देती है... भारतीय स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष के अवसर पर... यह अभूतपूर्व नई पुस्तक प्रकाशित हो रही है जो आपकी आंखें खोल देगी, आपको आश्चर्यचकित कर देगी, आपको गौरवशाली इतिहास से परिचित कराएगी और आपको भारत के गौरव से अवगत कराएगी... ✒️ आर्यों के आक्रमण का सिद्धांत ✒️ पराभव और अपमान, क्या यही है हमारी पहचान ? ✒️ नकारवाद… जो भाया नहीं, वह हुआ नहीं ✒️ सम्राट अशोक और बादशाह अकबर… सच में कितने महान… ✒️ सूफ़ी… यू टू,? ✒️ भारत का सामाजिक सांस्कृतिक और आर्थिक पिछड़ापन ✒️ चरखा चलने से सूत ज़रूर मिलता है... पर स्वतंत्रता? ✒️ अब यह चर्चा क्यों ?

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