भरतपुर लुट गयो नया कहानी संग्रह है प्रख्यात कथाकार विभा रानी का। उनकी कथा-सामर्थ्य का \nएक और साक्ष्य । इस पुस्तक में संकलित कहानियों को किसी एक सूत्र में नहीं बाँधा जा सकता, पर यही \nइस संग्रह की खूबी और ताकत भी है। इन कहानियों में किसी किस्म का कोई दोहराव नहीं है, न अन्तर्वस्तु का और न ही भाषा व शैली का । \nहर कहानी का कथ्य और परिवेश अन्य सब कहानियों से अलग है। शिल्प की विविधता भी भरपूर है, जिसमें वर्णन और आख्यान से लेकर इकबालिया बयान तक, \nअनेक रंग-ढंग शामिल हैं। पात्रों और परिवेश के मुताबिक भाषा और शैली बदल जाती है।
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