Bharatiya Rail : Desh Ki Jeevan-Rekha

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आधुनिक भारत को जन्म देनेवाले रेल नेटवर्क की अद्भुत कहानी रेल ने भारत को आधुनिकता प्रदान की तथा इसके विस्तृत नेटवर्क ने इस उपमहाद्वीप के एक कोने से दूसरे कोने को आपस में मिलाया और पहले की अपेक्षा परिवहन, संचार एवं व्यापार को भी सुगम बनाया। यहाँ तक कि भारत को एक राष्ट्र का रूप देने में रेल की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। इसने यहाँ के विषम क्षेत्रों एवं लोगों को ऐतिहासिक और भौगोलिक रूप से न केवल जोड़ा, बल्कि भारतीयों के जीवन एवं विचार को भी बदला, जिससे एक राष्ट्रीय पहचान बननी संभव हो सकी। पुरानी ऐतिहासिक घटनाओं को लघुकथाओं के माध्यम से प्रस्तुत करती, श्रमपूर्वक लिखी गई यह पुस्तक रेल-यात्राओं के रोमांच के साथ अपनी विशालकाय व्यापारिक शक्ति का भी परिचय कराती है। सन् 1890 यानी प्रथम योजना बनने के समय से भारत की स्वतंत्रता तक के रेल के विकास को विवेक देवराय और इनके सह-लेखकों ने प्रस्तुत किया है। इनके प्रयोगों से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत में रेल नेटवर्क किस प्रकार हुआ और किस प्रकार यह ऐसी जीवन-रेखा बनी, जो संपूर्ण राष्ट्र को आज भी एक धागे में पिरोती है। भारतीय रेल का इतिहास, उसकी परंपरा और उसके वर्तमान व भविष्य पर एक विहंगम दृष्टि डालती पठनीय पुस्तक।.\n\n

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