Bhartiya Sahitya

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प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने यू.जी.सी. के पाठ्यक्रम के अनुसार भारतीय साहित्य का स्वरूप, भारतीय साहित्य के अध्ययन की समस्याएँ, भारतीय साहित्य में आज के भारत का बिम्ब, हिन्दी साहित्य में भारतीय मूल्यों की अभिव्यक्ति, भारतीय भाषाओं का इतिहास आदि विषयों पर विस्तारपूर्वक विवेचन किया है। इस पुस्तक का तृतीय खण्ड अत्यन्त उपयोगी है, इस खण्ड के अन्तर्गत तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, बंगला, मराठी, गुजराती और उर्दू साहित्य के साथ हिन्दी साहित्य को जोड़कर भक्तिकाल और आधुनिक काल का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया है। अग्निगर्भ (महाश्वेता), वर्षा की सुबह (सीताकान्त महापात्र), घासीराम कोतवाल (तेंदुलकर), हयवदन (गिरीश कार्नाड) की समीक्षा की भी एक झलक है। एक तरह से यह पुस्तक यू.जी.सी. के पाठ्यक्रम के अनुसार भारतीय साहित्य पर एक सम्पूर्ण ग्रन्थ है। सरल सुबोध शैली में लिखी गयी अपनी तरह की यह पहली पुस्तक है। हमें विश्वास है यह पुस्तक पाठकों को लेखक के मन और हृदय के निर्माण क्षणों की वेदना का लेखा दे सकेगी।\n\n-प्रकाशक

डॉ. रामछबीला त्रिपाठी का जन्म उत्तर प्रदेश के ज़िला देवरिया के ग्राम द्रुमवलिया, पोस्ट ऑफ़िस द्रुमवलिया में हुआ। आपने एम.ए. हिन्दी, एम.ए. संस्कृत डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर से उत्तीर्ण की। इसी विश्वविद्यालय से पीएच. डी. उपाधि प्राप्त की। साहित्याचार्य की परीक्षा संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से उत्तीर्ण की। प्रकाशित कृतियाँ : व्यावहारिक हिन्दी व्याकरण, प्रयोजन मूलक हिन्दी, भारतीय साहित्य, भारतीय काव्यशास्त्र, भाषा विज्ञान एवं हिन्दी भाषा, आधुनिक सामान्य हिन्दी व्याकरण तथा रचना, वस्तुनिष्ठ हिन्दी अध्ययन, इत्यादि। इनमें से अधिकांश पुस्तकें विश्वविद्यालयों के सहायक एवं सन्दर्भ ग्रन्थ-सूची में शामिल। एक दर्जन से भी अधिक साहित्य समीक्षा विषयक लेख कुछ प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित । अनेक राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोधपत्रों का वाचन, प्रकाशन एवं निर्देशन । डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर (म.प्र.) से आपके निर्देशन में डेढ़ दर्जन से भी अधिक पीएच.डी. शोधप्रबन्ध प्रस्तुत । यू.जी.सी. के प्रोजेक्ट के तहत 'मध्य प्रदेश में वेनगंगा तटीय प्रमुख जनपदीय बोलियों का भाषावैज्ञानिक अध्ययन' विषय पर शोधकार्य। म.प्र. के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में प्रोफ़ेसर, हिन्दी विभागाध्यक्ष और प्राचार्य के पद पर कार्यरत । अब सेनानिवृत्त । सम्पर्क : एलौरा, 60 महेन्द्रा सिटी, बावड़िया कला, ई-8, अरेरा कॉलोनी, भोपाल (मध्य प्रदेश)। मोबाइल : 09424741944

डॉ. रामछबीला त्रिपाठी

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