भौमर्षि - \nमराठी की यशस्वी लेखिका शुभांगी भडभडे की आचार्य विनोबा भावे के प्रयोगधर्मी जीवन और कृतित्व को केन्द्रित कर लिखी गयी एक सशक्त औपन्यासिक कृति है—'भौमर्षि'।\nआज़ादी के दौर में विनोबाजी महात्मा गाँधी के पूरक व्यक्तित्व बनकर उभरे। गाँधीजी ने जिस ग्राम स्वराज के माध्यम से ग़रीबों के उन्नयन की परिकल्पना की थी उसको काफ़ी हद तक वास्तविकता प्रदान की विनोबा जी ने। ग्यारह वर्षों से भी ज़्यादा समय तक पूरे देश की निरन्तर पदयात्रा करते हुए विनोबाजी ने लाखों भूमिहीन किसानों में भूमि वितरित करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम किया।\nविनोबाजी की कार्य-पद्धति के विश्लेषण के साथ ही, प्रस्तुत उपन्यास में बाधाओं में भी अडिग उनके व्यक्तित्व, खरी बातें कहने का आत्मबल, निश्छल स्वभाव और उनके मानसिक ऊहापोह का जैसा वर्णन किया गया है, उससे यह कृति अनजाने ही एक कालखण्ड का दस्तावेज़ बन गयी है। नयी पीढ़ी के लिए यह जानना बहुत आवश्यक है कि कभी इस देश में विनोबा भावे जैसे ग़रीबों के हमदर्द तथा किंवदन्तीतुल्य सन्त नेता भी जनमे थे। उनका व्यक्तित्व कितना विराट था, उनका कार्य कितना गुरुत्वपूर्ण था, इसे जानना, एक प्रकार से अपने देश को ही फिर से जानना है।\nमराठी के इस बहुचर्चित उपन्यास का हिन्दी अनुवाद प्रस्तुत करते हुए भारतीय ज्ञानपीठ ने महापुरुषों के प्रेरक व्यक्तित्व और कृतित्व पर रचनाएँ प्रकाशित करने की अपनी गौरवपूर्ण परम्परा निभायी है। आशा है पाठकों के द्वारा इस कृति का भरपूर स्वागत होगा।

शुभांगी भडभडे - जन्म: 21 दिसम्बर, 1942 ई. को मुम्बई में। शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी साहित्य), साहित्यरत्न। प्रकाशित कृतियाँ : मराठी में तेरह चरित्रात्मक और अठारह सामाजिक उपन्यास। सात कहानी-संग्रह और बारह बालकथा संग्रह। तीन नाटक और बारह एकांकी। प्रमुख चरित्रात्मक उपन्यास हैं 'स्वामिनी' (सिद्धार्थ-यशोधरा), 'पद्मगन्धा' (दुष्यन्त-शकुन्तला), 'राजवधू' (राजरानी मीरा), 'शिवप्रिया' (शिव-पार्वती), 'भौमर्षि' (आचार्य विनोबा भावे) और 'पूर्णविराम' (श्रीकृष्ण एवं गान्धारी) । दूरदर्शन और आकाशवाणी से अनेक नाटक प्रकाशित। अनेक रचनाएँ हिन्दी, गुजराती, तेलुगु तथा अंग्रेज़ी में अनूदित एवं प्रकाशित। महाराष्ट्र साहित्य-सभा के 'काव्य पुरस्कार', विदर्भ साहित्य संघ के 'एकांकी लेखन पुरस्कार', साहित्य अकादेमी, बड़ौदा के 'काव्य पुरस्कार', अ. भा. नाट्य परिषद, मुम्बई के 'एकांकी लेखन पुरस्कार', महाराष्ट्र सरकार के 'उत्कृष्ट वाङ्मय पुरस्कार', महाराष्ट्र राज्य सैनिक कल्याण मन्त्रालय, मुम्बई के 'साहित्य गौरव' आदि से सम्मानित।

शुभांगी भड्भड़े अनुवाद डॉ. ओम शिवराज ऋता सेंगर

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