"भूषण ग्रन्थावली - \nअब तक भूषण का एक ही ग्रन्थ 'शिवभूषण' प्रामाणिक रूप में प्राप्त है। शिव उनकी वीर, श्रृंगार और शान्त रसों की प्रकीर्ण रचनाएँ हैं। 'शिवा बावनी' और 'छत्रसालदशक' उनके द्वारा संगृहीत पोथियाँ नहीं हैं। भूषण का जन्मकाल जो 'शिवसिंहसरोज' में दिया गया है वह १७३८ है। 'शिवभूषण' के निर्माणकाल का जो दोहा मिलता है उसमें संवत् १७३० दिया गया है। जनश्रुति के अनुसार 'शिवाबावनी' पहले बनी और 'शिवभूषण' बाद में। 'शिवाबावनी' में सम्वत् १७३० के बाद की घटनाएँ हैं, इसलिए शिवभूषण के निर्माणकाल को एक महाशय जाली मानते हैं। शिवभूषण के निर्माणकाल का दोहा, हस्तलिखित हिन्दी ग्रन्थों की 'खोज की रिपोर्ट' ( सन् १९२३ ) में दिया हुआ है। इसमें दो प्रतियों के विवरण हैं। एक तो वही प्रति है जिसके आधार पर श्रीमिश्रबंधु महोदयों ने अपनी भूषणग्रन्थावली सम्पादित की और दूसरी अन्यत्र की।\n\n\n"
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