बूँद बूँद बतरस - हिन्दी के शीर्षस्थ लघुकथाकार और 'लघुकथा सम्राट' संज्ञा से विभूषित रचनाकार कीर्तिकुमार सिंह का छठा लघुकथा-संग्रह है बूँद बूँद बतरस । लघुकथा कहना अपने आप में एक कला है, क्योंकि इसमें जीवन के किसी भी क्षेत्र के एक छोटे से अंश को लेकर पूरा ताना-बाना बुना जाता है। कीर्तिकुमार सिंह इस क्षेत्र में सिद्धहस्त और सफल हैं। वे अपने चारों तरफ़ घट रही घटनाओं पर बारीक नज़र रखते हैं। यही वजह है कि जिन घटनाओं और घटनाओं से उत्पन्न स्थितियों पर हमारी आपकी नज़र भी नहीं पड़ती, लेखक उसे खींचकर कथा का केन्द्र बना देता है। वह अपनी कथा- भाषा द्वारा उस घटना को इस प्रकार प्रस्तुत करता है कि लोग उसमें कभी अपनी तो कभी अपने जान-पहचान के लोगों की छवि देखने लगते हैं। उसकी लेखनी की लपेट में कभी-कभी उसके 'अपने' आते हैं तो कभी 'पराये', लेकिन बिना पक्षपात लेखक दोनों पर ऐसा व्यंग्यपूर्ण कटाक्ष अपने चुहलभरे अन्दाज़ में करता है कि पाठक को जहाँ पढ़ने का पूरा मज़ा मिलता है, वहीं वह कहीं न कहीं स्वयं भी उस वातावरण में पहुँच जाता है। इन सबके बावजूद कीर्तिकुमार सिंह की लघुकथाओं का नायक कोई विशिष्ट व्यक्ति नहीं, बल्कि वही 'कॉमन मैन' है जो हमारे- आपके आस-पास है और घटनाएँ भी वही हैं जो लोगों के जीवन में कभी न कभी घटित होती रहती हैं। कीर्तिकुमार सिंह की लघुकथा महज़ एक युगीन वक्तव्य नहीं बल्कि ईमानदारी से समाज एवं व्यक्ति के भावों को पकड़ने का एक सफल प्रयास है।
कीर्तिकुमार सिंह जन्म : 19 मई 1964 को इलाहाबाद जिले के कोटवा नामक गाँव में। शिक्षा : बी. ए., एम.ए. और डी.फिल. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से। शिक्षा में एक मेधावी छात्र के रूप में कई स्वर्ण पदक प्राप्त, जिनमें से एक स्वर्ण पदक 'संयुक्त राष्ट्र संघ' से। कविता, कहानी, लघुकथा, उपन्यास और दर्शन के क्षेत्र में सक्रिय। प्रकाशित कृतियाँ : जगद्गुरु कमीनिस्टाचार्य प्रयागपीठाधीश्वर (उपन्यास); अद्भुत प्रेम कथाएँ, दारागंज वाया कटरा, आप बहुत..... बहुत... सुन्दर हैं!, असाधारण प्रेम कथाएँ (कहानी-संग्रह); अधूरी दास्तान, छोटी सी बात, एक टुकड़ा रोशनी, बस इतना, दास्तान दर दास्तान, मेरी प्रतिनिधि लघुकथाएँ, बूँद बूँद बतरस (लघुकथा-संग्रह); उस कविता को नमस्कार करते हुए, कीर्तिकुमार सिंह की दार्शनिक कविताएँ, दिल्ली के दो-पाया कुत्ते, मन्दाकिनी घाटी (कविता-संग्रह): शिवा (कविता- कैसेट); पुरस्कार दर्शन, भारतीय दर्शन में दुःख और मुक्ति (दार्शनिक चिन्तन) । सम्प्रति : अध्यक्ष, दर्शन विभाग, श्यामाप्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय (इलाहाबाद विश्वविद्यालय), फाफामऊ, इलाहाबाद। सम्पर्क : 15/6, स्टैनली रोड, सिविल लाइंस, इलाहाबाद- 211001 (उत्तर प्रदेश) मो. : 9415094253 ई-मेल : kirti.add123@gmail.com
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