बुद्ध-जनपद कल्याणी : आम्रपाली गाथा - \nईसा मसीह के जन्म से पाँच सौ वर्ष पूर्व यानी ईसा पूर्व की छठी शताब्दी में विश्व के सभी देश अपरिचय के अन्धकार में भटक रहे थे। उस समय भारत की ई.पू. की छठी सदी इतिहास की नयी इबारत लिख रही थी। वैदिककालीन महर्षि ऋषभदेव के बाद इस सदी में चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी ने मुक्ति का मार्ग दिखाया। यही नहीं मुक्तिदाता तथागत गौतम ने बौद्धधर्म का प्रणयन कर मानव मात्र को नया सन्देश दे धर्म के सच्चे मर्म से परिचित कराया।\nउधर मगध राज्य ने नये साम्राज्य की नींव, मगधराज बिम्बसार के पुत्र अजातशत्रु ने साम्राज्य विस्तार का प्रारम्भ किया । मगध साम्राज्य का इतिहास भारत के इतिहास में परिवर्तित हो गया। इतना ही नहीं सौन्दर्य, कला, नृत्य, संगीत को नया उन्मेष न केवल वैशाली की गणनर्तकी इतिहासजयी सौन्दर्य की सम्राज्ञी आम्रपाली ने प्रदान किया वरन इस कला यज्ञ में मगध की रूपसुन्दरी शालवती उज्जयिनी सम्राट चण्ड प्रद्योत की राजसभा की शोभा राजनर्तकी पद्मावती ने प्रदान की।\nउज्जैन संग्रहालय के डायरेक्टर डॉ. एस. के. दीक्षित को उज्जयिनी के इतिहास के अँधेरे में गुम राजनर्तकी पद्मावती को खोजने का श्रेय है। इतिहास पद्मावती से अपरिचित है।\nपाली ग्रन्थों में उपस्थित वत्सराज उदयन की राजनर्तकी रूपगर्विता मागधिया उपन्यास 'बुद्ध- जनपद कल्याणी 'आम्रपाली गाथा' के रिसर्च द्वारा खोज लेने का श्रेय ऐतिहासिक उपन्यासों पर साधिकार कलम चलाने वाले प्रसिद्ध लेखक शरद पगारे को है। इतना ही नहीं विश्व की पहली प्रेमकथा वासवदत्ता उदयन की रोमांटिक-रोमांचक रूमानी प्रणयकथा जो विश्व इतिहास की पहली प्रेमकथा है इसे पाठकों के सामने शरद पगारे ने प्रस्तुत किया है। इतिहास कथा लेखन को पगारे जी ने कैसा नया मोड़ दिया है यह इस उपन्यास को पढ़ने के बाद ही आप समझ पायेंगे।
शरद पगारे जन्म-स्थानः खण्डवा, मध्य प्रदेश। शिक्षा : इतिहास में एम.ए.. पीएच.डी.। सेवानिवृत्त : प्रोफ़ेसर एवं प्राचार्य, उच्च शिक्षा, मध्य प्रदेश शासन। विशेष : विजिटिंग प्रोफ़ेसर के रूप में शिल्पकर्ण विश्वविद्यालय, बैंकॉक-थाईलैंड में अध्यापन। विदेश यात्राएँ : थाईलैंड, हांगकांग, सिंगापुर, मॉरीशस, श्रीलंका एवं यूरोप। प्रकाशित कृतियाँ उपन्यास : गुलारा बेग़म, गन्धर्वसेन, बेग़म जैनाबादी, उजाले की तलाश, पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी, शोध प्रबन्ध, ज़िन्दगी एक सलीब-सी, ज़िन्दगी के बदलते रूप। कहानी संग्रह : एक मुट्ठी ममता, सांध्य तारा, नारी के रूप (दा संस्करण), दूसरा देवदास, श्रेष्ठ कहानियाँ। अनेक कहानियों का उड़िया, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तेलुग में अनुवाद एवं प्रकाशन। भारत की श्रेष्ठ ऐतिहासिक प्रेम कहानियाँ, शरद पगारे के दो नाटक। सम्मान एवं पुरस्कार : मध्य प्रदेश साहित्य परिषद् का विश्वनाथ सिंह पुरस्कार (गलारा बेग़म), अखिल भारतीय दिव्य एवं हिन्दी साहित्य सम्मेलन का वागीश्वरी पुरस्कार (बेग़म जैनाबादी), मध्य प्रदेश लेखक संघ का अक्षर आदित्य अलंकरण। साहित्य मण्डल, श्रीनाथ द्वारा (राजस्थान) का हिन्दी भाषा भूषण सम्मान। अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन का हिन्दी भाषा भूषण सम्मान, मध्य प्रदेश कला परिषद् का अभिनव शब्द, शिल्पी सम्मान, हिन्दी साहित्य सम्मलन, प्रयाग का साहित्य वाचस्पति बालकृष्ण शर्मा नवीन अलंकरण (पाटलिपत्र की सम्राज्ञी), अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन में सुजन गाथा रायपुर एवं राजस्थानी साहित्य अकादमी उदयपर का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान (ज़िन्दगी के बदलते रूप)। सम्पर्क: सुमन कुंज, 110, स्नेह नगर, नवलखा, इंदौर (म.प्र.)-452001
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