यह पुस्तक ताइवान के शहर ‘शिन चू’ की सभ्यता, संस्कृति, उसकी ऐतिहासिक इमारतों के स्थापत्य और शिल्पकला; भौतिकवादी जीवन जिसमें बाजार की संरचना से लेकर नाइट क्लब व बार की गहमागहमी भी शामिल है, का खूबसूरत कोलाज है। देवेश पथ सारिया अपने इन संस्मरणों में बहुत छोटी-छोटी घटनाओं, चरित्रों को गहरे तक देखते हैं; फिर तन्मयता से रचते हैं। यही वजह है कि पुस्तक बहुत रोचक बन पड़ी है।
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