छोटी सी बात - चर्चित कथाकार कीर्तिकुमार सिंह का तीसरा लघुकथा-संग्रह है-छोटी सी बात। इस संग्रह की लघुकथाएँ उनके पूर्व प्रकाशित लघुकथा-संग्रह अधूरी दास्तान व एक टुकड़ा रोशनी से आगे की दुनिया खोलती हैं। लघुकथा विधा के प्रति कीर्तिकुमार सिंह का समर्पण ही उन्हें एक विशिष्ट लघुकथाकार बनाता है। दर्शन से जुड़े होने के कारण उनकी लघुकथाओं में कथ्य को एक अलग ही गहराई मिलती है। उनके यहाँ नये कथ्य की अनवरत खोज एक रचना यात्रा ही है। समाज की अनेक परतें खोलते हुए वे चरित्रों की जद्दोजहद को उजागर करते हैं। अपनी लघुकथाओं के माध्यम से वे समाज में व्याप्त कुरीतियों पर प्रहार करते हैं । उन्हें पुरातन मान्यताओं से लगाव नहीं, विरोध है । वह कर्मकाण्ड के ख़िलाफ़ खड़े होते हैं और नये समय में हरदम नयी बात कहने के लिए प्रयत्नशील दिखाई पड़ते हैं।
कीर्तिकुमार सिंह जन्म : 19 मई 1964 को इलाहाबाद जिले के कोटवा नामक गाँव में। शिक्षा : बी. ए., एम.ए. और डी.फिल. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से। शिक्षा में एक मेधावी छात्र के रूप में कई स्वर्ण पदक प्राप्त, जिनमें से एक स्वर्ण पदक 'संयुक्त राष्ट्र संघ' से। कविता, कहानी, लघुकथा, उपन्यास और दर्शन के क्षेत्र में सक्रिय। प्रकाशित कृतियाँ : जगद्गुरु कमीनिस्टाचार्य प्रयागपीठाधीश्वर (उपन्यास); अद्भुत प्रेम कथाएँ, दारागंज वाया कटरा, आप बहुत..... बहुत... सुन्दर हैं!, असाधारण प्रेम कथाएँ (कहानी-संग्रह); अधूरी दास्तान, छोटी सी बात, एक टुकड़ा रोशनी, बस इतना, दास्तान दर दास्तान, मेरी प्रतिनिधि लघुकथाएँ, बूँद बूँद बतरस (लघुकथा-संग्रह); उस कविता को नमस्कार करते हुए, कीर्तिकुमार सिंह की दार्शनिक कविताएँ, दिल्ली के दो-पाया कुत्ते, मन्दाकिनी घाटी (कविता-संग्रह): शिवा (कविता- कैसेट); पुरस्कार दर्शन, भारतीय दर्शन में दुःख और मुक्ति (दार्शनिक चिन्तन) । सम्प्रति : अध्यक्ष, दर्शन विभाग, श्यामाप्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय (इलाहाबाद विश्वविद्यालय), फाफामऊ, इलाहाबाद। सम्पर्क : 15/6, स्टैनली रोड, सिविल लाइंस, इलाहाबाद- 211001 (उत्तर प्रदेश) मो. : 9415094253 ई-मेल : kirti.add123@gmail.com
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