बेल्जियम की एक समृद्ध ऐतिहासिक विरासत और संस्कृति रही है, जिसका चित्रों, संगीत, साहित्य, नक्शानवीसी और वास्तुकला में साक्षात् दर्शन कर सकते हैं। बेल्जियम भले ही सबसे छोटे यूरोपीय देशों में से एक है, फिर भी इसके पर्यटन स्थल पर्यटकों से भरे रहते हैं। ये पर्यटन स्थल इस देश के समृद्ध इतिहास और परंपराओं की कहानियाँ बयाँ करते हैं। बेल्जियम के बारे में कई अनूठी, बेजोड़ बातें हैं, जो अनायास ही सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं। बेल्जियम में दुनिया की सबसे बड़ी संख्या में प्रति वर्गमीटर महल हैं। कुछ क्षेत्रों में प्रति गाँव दो महल भी हैं। इनमें से कुछ को यूनेस्को द्वारा धरोहर घोषित किया गया है। बेल्जियम में विश्व के श्रेष्ठ संस्थानों के कॉर्पोरेट मुख्यालयों की बड़ी संख्या है। बेल्जियम में समृद्ध विरासत एवं परपंराएँ, विश्वविद्यालय, स्थापत्य कला को समेटे भवन, शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्र, युद्ध स्मारक, मनमोहक प्राकृतिक छटा के अतिरिक्त अत्यंत दोस्ताना संबंध वाले लोग हैं। प्रस्तुत पुस्तक बेल्जियम के विषय में एक हैंडबुक है जो वहाँ की संपूर्ण जानकारी कम शब्दों में, रोचक शैली में देती है।.\n\n
श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ का पहला काव्य-संग्रह ‘समर्पण’ सन् 1983 में प्रकाशित हुआ था। अब तक उनकी कविता, कहानी, उपन्यास, पर्यटन, व्यक्तित्व विकास विषयक कुछ 70 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। श्री ‘निशंक’ के साहित्य पर देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अब तक 10 शोध एवं 12 लघुशोध कार्य हो चुके हैं और कई अन्य हो रहे हैं। उनके साहित्य का अनुवाद जर्मन, क्रिओल, स्पेनिश, फ्रैंच, नेपाली आदि विदेशी भाषाओं सहित तमिल, तेलुगु, मलयालम, गुजराती, मराठी, पंजाबी, बांग्ला, संस्कृत, गढ़वाली सहित देश की अनेक भाषाओं में हुआ है। उनकी रचनाएँ मॉरीशस, थाईलैंड, जर्मनी, नॉर्वे आदि देशों सहित भारत के अनेक विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित की गई हैं। उत्कृष्ट साहित्य सृजन के लिए भारत के 3 राष्ट्रपतियों द्वारा राष्ट्रपति भवन में सम्मान एवं 12 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों तथा प्रधानमंत्रियों द्वारा अपने देश में आमंत्रित कर सम्मान। संप्रति: शिक्षा मंत्री, भारत सरकार।.
Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’Add a review
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