Chonch Bhar Badal

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चोंच भर बादल - \n'चोंच भर बादल' वीना श्रीवास्तव का चौथा कविता संग्रह है। इस संग्रह में शामिल कविताएँ तमाम उपमाओं और बिम्बों से सुसज्जित एक ऐसे लोक का निर्माण करती हैं जो कवयित्री ने अपने हृदय के स्पन्दनों से रचा है। कविता यूँ भी एक ऐसी विधा है जो जितनी स्वतन्त्र है, उतनी बेख़ौफ़ भी है। \nइस संग्रह में एक कवि हृदय ने अपनी कविताओं में संसार को उस दृष्टि से देखा है जिसे और कोई नहीं देख सकता। ये कवितायें स्त्री की उड़ान, उसका घर-संसार, उसका अस्तित्व, सभ्यता, बचपन की स्मृतियाँ और पुरुषत्व को एक विराट परिदृश्य में खोजने, रचने और बरतने की ओर एक घनीभूत संकेत को जन्म देती हैं। \nवीना श्रीवास्तव अपनी कविताओं में एक ऐसे स्पेस और समय को निर्मित करती हैं जो पाठकों के लिए कौतुक, विस्मय और कहीं-कहीं विडम्बना को दर्शाता है। कवयित्री ने जिस मनोभाव को रचा है उसकी गूढ़ और सांकेतिक शब्दावली असाधारण होते हुए भी इतनी सहज है कि पाठकों को ये कविताएँ समझने के लिए उसी सहजता को परिलक्षित करना होगा।

वीना श्रीवास्तव - जन्मतिथि: 14 सितम्बर। शिक्षा : स्नातकोत्तर। लेखन: हिन्दी की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं—हंस, वागर्थ, कथादेश, संस्कार सुगंध, अक्षर पर्व, कथाक्रम, समसामयिक परिवेश, नवनीत, उड़ान आदि पत्रिकाओं समेत प्रतिष्ठित हिन्दी दैनिक—प्रभात ख़बर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, नवभारत टाइम्स, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, स्वतन्त्र भारत, हरिभूमि आदि में कविताएँ, कहानी व आलेख प्रकाशित। झारखण्ड के अग्रणी हिन्दी दैनिक 'प्रभात ख़बर' में वर्ष 2012 से लगातार साढ़े सात वर्षों तक कॉलम लेखन। रेडियो नाट्य लेखन। प्रकाशन : एकल कविता संग्रह—'तुम और मैं', 'मचलते ख़्वाब', 'लड़कियाँ' (लम्बी कविताए); स्पादन–'शब्द संवाद'; (साझा संग्रह)—'नीलाम्बरा', 'मयूरी', 'अनुगूंज', 'खामोश, ख़ामोशी और हम', 'ख़्वाब ईसा हुए, साँसें सुकरात', 'काव्य दर्पण'; स्तम्भ लेखन का संकलन दो खण्डों में—'खिलखिलाता बचपन-आदतें और संस्कार', 'परवरिश करें तो ऐसे करें'। हेरिटेज झारखण्ड की त्रैमासिक पत्रिका 'भोर' की सम्पादक। राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय सम्मान—अनातोली परम्परा सम्मान, कला सिन्धु सम्मान, प्रमोद वर्मा युवा सम्मान, नारायण लाल परमार सम्मान, साहित्य सरिता सम्मान, कात्यायनी सम्मान, शान-ए-झारखण्ड, शिक्षा साहित्य सेवा सम्मान, सम्मेलन शताब्दी सम्मान, क्षीर भवानी योगेश्वरी साहित्य सम्मान, श्याम धारा सम्मान, तेजमन स्वर्णकार साहित्य गौरव सम्मान, साहित्य सरोज सम्मान, तेजस्विनी सम्मान, सुभद्रा कुमारी चौहान पुरस्कार, अरुणिमा स्मृति सम्मान, शब्द मधुकर सम्मान, स्वयंसिद्धा सम्मान और उत्कृष्ट कला सम्मान।

वीना श्रीवास्तव

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