यह कविता-संग्रह प्रेम, पीड़ा और आध्यात्म की गहराइयों को छूता हुआ, जीवन की भावनात्मक जटिलताओं का एक अद्भुत दस्तावेज़ है। लेखिका पायल राठौड़ ने अपनी कविताओं के माध्यम से जीवन के हर पहलू—सुख-दुःख, प्रेम-त्याग, और ईश्वर की अनुभूति—को गहन संवेदनशीलता और विचारशीलता के साथ व्यक्त किया है। उनकी कविताएँ पाठकों को यह महसूस कराती हैं कि प्रेम केवल पाने का नाम नहीं, बल्कि त्याग और तपस्या का अनुभव है। सुख को जीवन की मिठास और दुःख को उसका नमक मानते हुए, ये कविताएँ जीवन के इन दोनों पक्षों की अपरिहार्यता को रेखांकित करती हैं। "द से दुःख बड़ी ई से ईश्वर" आत्मा की उस यात्रा को उकेरती है, जहाँ दुःख की चोटें जीवन का निर्माण करती हैं और प्रेम नदी की प्यास बुझाकर मन को ईश्वर की गोद में सुकून देती हैं। पायल राठौड़ का लेखन सरल है, लेकिन उनकी अनुभूतियाँ इतनी गहरी हैं कि ये पाठकों को प्रेम, पीड़ा और ईश्वर की खोज के अर्थ पर नए सिरे से सोचने को प्रेरित करती हैं। यह पुस्तक न केवल एक साहित्यिक अनुभव है, बल्कि जीवन के गहरे अर्थों को समझने का एक सुंदर माध्यम भी है। अगर आप जीवन की इस गहन यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो यह पुस्तक आपकी आत्मा को स्पर्श करने का वादा करती है।
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