संस्कृत साहित्य में महाकवि दण्डी का विशिष्ट स्थान है। 'दशकुमास्वन्ति' उनकी लोकप्रिय व प्रसिद्ध रचना है। इसमें दस कुमारों के माध्यम से उस समय के समाज के सभी क्यों-राजमहलों से लेकर आम जनजीवन तक का रोचक्तापूर्ण विस्तृत वर्णन है। 'दशकुमास्वजि' में यथार्थवाद अपनी अभिव्यक्ति में बहुत ही निर्मम बनकर उतरा है। प्रतिष्ठित साहित्यकार रांगेय राघव ने रोचक शेली में इसका प्रभावशाली रूपान्तर किया है।
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