हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की बहुत मान्यता है। घर-घर में अनेक देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना अपूर्व श्रद्धा, आस्था, प्रेम और विधि-विधान से की जाती है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता भी है कि इन देवी-देवताओं की संख्या करोड़ों में है। इनके प्रति असीम भक्ति और मान्यताओं ने ही इनकी अनेक कथाओं को जन्म दिया। रामायण, गीता, उपनिषद आदि अनेक ग्रंथ और पुराणों में इन्हीं वंदनीय देवी-देवताओं की रोचक एवं मनोरंजक कथाएँ प्रचलित हैं। प्रस्तुत पुस्तक पुराणों तथा अन्य हिंदू वाङ्मय-गं्रथों से चुनी गई ऐसी श्रेष्ठ कथाओं का संग्रह है, जो अनेक देवी-देवताओं के रहस्यमयी जीवन की घटनाओं को उजागर करती हैं। अपने धर्म के प्रति आस्था जाग्रत् करने और इष्टदेवी-देवताओं के प्रति भक्ति में तल्लीन होने का संदेश देती पठनीय पुस्तक।.
मुकेश ‘नादान’ 5 नवंबर, 1964 को नगर नजीबाबाद (उ.प्र.) में जनमे लेखक एवं चित्रकार मुकेश ‘नादान’ ने साहित्य-जगत् में अपनी अलग पहचान बनाई है। विभिन्न विषयों पर संपादित एवं लिखी गई दो सौ से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं। बाल पाठकों के लिए अनेक सचित्र एवं शिक्षाप्रद पुस्तकें लिखकर उनमें शिक्षा एवं संस्कृति का संचार किया है। ‘नन्ही मुनिया’, ‘जंगल और आदमी’, ‘शिक्षाप्रद बाल कहानियाँ’, ‘शिक्षाप्रद बाल गीत’ जैसी पुस्तकें आज भी बाल पाठकों की पहली पसंद बनी हुई हैं। विभिन्न विषयों पर उपयोगी शृंखला में लिखी ‘महानायक ए.पी.जे. अब्दुल कलाम’ (जीवनी), ‘प्रदूषण का कहर’, ‘बुढ़ापा: वरदान या अभिशाप’, ‘विश्व प्रसिद्ध महान् संत’ (जीवनियाँ), ‘बचपन: दशा और दिशा’ आदि पुस्तकें भी लोकप्रिय हुई हैं।.
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