“स्वदेश कितना प्यारा और आकर्षक होता है! देखिए मदर, लालाजी की आँखें स्वदेश भूमि को प्रणाम कर रही हैं। ओह! कितनी महानता है आप सब विभूतियों में।” रतन ने कहा था यह श्रीमती ऐनी बीसेन्ट का हाथ पकड़कर और ऐनी बीसेन्ट ने भी बहुत अधिक प्रेम में भरकर कहा था, “सत्य ही भारत महान् देश है और हम उससे गौरवान्वित हैं।" आचार्य चतुरसेन के मार्मिक और ऐतिहासिक खोजों से पूर्ण इस रोमांचक उपन्यास में, जिन्ना की पत्नी की कहानी है, जो प्रेम, पीड़ा और अलगाव को रेखांकित करती है और इसमें है एक तवायफ़ बी हमीदन भी, जिसका साहस, जिसकी सच्चाई दिलों में जोश भर देती है। इसमें केशव की मां भी है, जो आदर्श के ठोस धरातल पर खड़ी है, जिसे भारत पुत्री कहना, उसके कर्म को सम्मान देना है। ढहती हुई दीवार आचार्य जी का एक ऐसा अद्भुत उपन्यास है, जोपाठक के मन को देश-प्रेम की भावना से भर देता है।
?????? ??????? ???????? ????? ???? ?? ?? ???? ?????????? ??? ???? ?????? ???? ???????? ?????? ?? ?????? ??? ???? ?????? ??????? '????', '??????', '??????????' ?? '??????' ?? ?????? ??????? ???? ??? ???? ???? ???? ?? ?? ???? ??????? ????????? ???????? ?? ?? ????? ??????, ?????????, ????, ??????, ????????, ?? ????? ?????? ?? ?? ?????????? ???????? ???? ????
Aacharya ChatursenAdd a review
Login to write a review.
Customer questions & answers