नितांत आरंभ में… आपको मिलेगी चित्रा। चुलबुली और चित्ताकर्षक। अपने छोटे-छोटे बालों को, माथे से झटकती हुई। ऐसे ही वो झटक लेगी शशांक का दिल। फिर कशमकश, दुनियादारी, संयोग-वियोग से होते हुए मोहब्बत सबकुछ लुटाकर भी अंत में ख़ाली हाथ रह जाती है। विनीता अपने घर की दहलीज़ पार कर जब वापस आती है तो दरवाजे उसी के लिए सदा के लिए बंद कर देती है, जिसके लिए दहलीज़ पार किया था। आगे यात्रा में, जहाँगीरगंज और बेलहिया नामक दो गाँव मिलेंगे, अपने भोले-भाले, कपटी चरित्रों के साथ, संपूर्ण नग्नता में आपके सामने खड़े होंगे, जिनसे आपको संवेदना भी होगी और उन पर क्रोध भी आएगा। कुसली-बदलू, श्यामा और रामजीत अपनी निर्धनता की कोठरी में, झरोखे से आती सूरज की रोशनी देख रहे हैं, परंतु सूरज के पीछे काले बादल भी आ रहे हैं। यात्रा के अंत मे मिलेगी- अमनदीप कौर। लखनऊ के इंजीनयरिंग कॉलेज की फ़र्स्ट ईयर स्टूडेंट, सुंदरता की प्रतिमान, इतनी कि बैचमेट और प्रोफ़ेसर दोनों इश्क़ में पड़ गए। और फिर इस संघर्ष का क्या निकलेगा परिणाम?.
??? ?????? ?? ?? ??????? ??????? ??? ????? ??? ??, ????? ?? ??? ?????? ?? ??? ??? ?????? ?? ??? ??? ??? ???? ??? ?? ???? ???????? ?? ??? ????? ????? ???? 2018 ??? ???? ???? ?????? ????? ?????? ??? (????? ??????) ???????? ??? ??? ???? 2020 ??? ???? ????? ????? ?????? ???? ?? ???? ??? ??? ?? ?? 2021 ??? ???? ????? ??????? ????????? ???? ??????? ??? ???
RanvijayAdd a review
Login to write a review.
Customer questions & answers