E=mc2 प्रकाश परिमाण और विशेष थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी वर्ष 1905, आइंस्टीन के लिए चमत्कार का वर्ष था। इस वर्ष के दौरान, उन्होंने पांच उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशित किए जिन्होंने द्रव्यमान, ऊर्जा, समय और प्रकाश से संबंधित हमारी मान्यताओं और अवधारणाओं को बदल कर रख दिया। इस पुस्तक में, हमने आइंस्टीन द्वारा दिए गए दुनिया के सबसे प्रसिद्ध समीकरण E=mc2 का एक बहुत ही सरल आंकलन किया है। हमने सूर्य और परमाणु रिएक्टरों द्वारा उत्पादित ऊर्जा का विस्तृत विवरण दिया है। प्रकाश क्वांटा और फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव की अवधारणा को शानदार तरीके से रेखांकित किया गया है। अंत में, "सापेक्षता के विशेष सिद्धांत" को इस तरह से समझाया गया है कि छात्रों को प्रकाश, पदार्थ, ऊर्जा और समय की नई अवधारणाओं को समझने में आसानी होगी । पुनः सापेक्षता के विषय को इस तरह से वर्णित किया गया है कि वह छात्रों में जिज्ञासा और मूल सोच उत्पन्न करेगा । हमें विश्वास है कि यह पुस्तक IIT, JEE, NEET और अखिल भारतीय प्रशासनिक (IAS) परीक्षा में बैठने वाले छात्रों के लिए उपयोगी होगी।
Prof. Ajoy Ghatak is an eminent Indian Physicist and currently Hon. Prof. at Center for Optics and Photonics at IIT, Delhi. Sanjay Kher is CTO at Rajaramanna Center for Advance Technology (RRCAT}, Indore.
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