एक धरती एक आसमान एक सूरज - ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विख्यात कवि ओ.एन.वी. कुरुप समकालीन मलयालम कवियों में सर्वाधिक उल्लेखनीय हैं। एक प्रगतिवादी कवि के रूप में लेखन की शुरुआत करने के उपरान्त क्रमशः मानवतावादी रचनाकार की अपनी अजातशत्रु छवि निर्मित करनेवाले उन्होंने वाल्मीकि, कालिदास और टैगोर को अपनी कविताई का रोलमॉडल माना। 'एक धरती एक आसमान एक सूरज' में कवि की कतिपय चुनी हुई कविताएँ संकलित हैं। ध्येय है कि भारत के सुदूर दक्षिण में स्थित केरल की, साहित्य सम्पदा से प्रौढ़ भाषा मलयालम में विरचित ओ.एन.वी. की कविताओं की महक विस्तृत हिन्दी क्षेत्र में व्याप्त हो और हिन्दी के पाठक मलयालम के इस श्रेष्ठ कवि की उत्कृष्ट कविताओं तथा काव्य-संवेदनाओं से अवगत हों।
ओ.एन.वी. कुरुप - भारतीय साहित्य-पट पर ओ.एन.वी. के नाम से सुपरिचित ओट्टप्लाक्कल् नीलकण्ठ से वेलु कुरुप का जन्म 27 मई, 1931 को केरल प्रान्त में कोल्लम जनपद के अन्तर्गत चवरा नामक गाँव में हुआ। मलयालम भाषा और साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के बाद श्री कुरुप केरल के विविध कॉलेजों में मलयालम विभाग के प्राध्यापक, प्राचार्य तथा अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे। केरल साहित्य अकादेमी, साहित्य अकादेमी, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, वयलार पुरस्कार, आशान पुरस्कार, वल्लत्तोल पुरस्कार, भारतीय भाषा परिषद पुरस्कार आदि कई सम्मानों से विभूषित श्री ओ.एन.वी. को वर्ष 2007 का ज्ञानपीठ पुरस्कार तथा वर्ष 2011 में पद्मविभूषण से नवाज़ा गया।
ओ. एन. वी. कुरूप अनुवाद व चयन तंकमणि अम्माAdd a review
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