गरुड़ पुराण अट्ठारह महापुराणों में एक है जिसका उद्देश्य व्यक्ति को जीवन में सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देना है। ऐसी मान्यता है कि जो गरुड़ पुराण की शिक्षाओं को अपने जीवन में पालन कर लेता है उसे मृत्यु के बाद ईश्वर के चरणों में स्थान मिल जाता है। इस कारण हिन्दू धर्म में गरुड़ पुराण का बहुत महत्त्व है और इसको सुनने-सुनाने की परंपरा है जिससे मृतक की आत्मा को शांति प्राप्त हो। \nइस पुस्तक के 11 अध्यायों में देवदत्त पट्टनायक ने गरुड़ पुराण का सरल भाषा में सार प्रस्तुत किया है और उनकी अपनी विशिष्ट शैली में बनी तस्वीरें इसकी रोचकता को बढ़ाती हैं। \n \nपौराणिक कहानियों, मिथकों, संस्कारों और रीति-रिवाज़ों का आधुनिक ज़िन्दगी में महत्त्व के विषय पर देवदत्त पट्टनायक 1996 से लगातार लिखते आ रहे हैं और अब तक उनकी 50 पुस्तकें और 1000 से अधिक स्तम्भ प्रकाशित हो चुके हैं। वे कई टीवी चैनल और कम्पनियों के लिए लीडरशिप और शासन-विधि के क्षेत्र में सलाहकार के रूप में काम करते हैं। ‘देवलोक’ और ‘बिज़नेस सूत्र’ उनके लोकप्रिय टीवी कार्यक्रम हैं। शिव के सात रहस्य, विष्णु के सात रहस्य, देवी के सात रहस्य, भारतीय पौराणिक कथाएँ, भारत में देवी, पशु, सीता के पाँच निर्णय, शिव से शंकर, ओलिम्पस और महाभारत के योद्धा उनकी अन्य बहुचर्चित पुस्तकें हैं। लेखक के बारे में www.devdutt.com पर आप और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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