माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर जिन्हें गुरुजी के नाम से जाना जाता है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक थे। आर.एस.एस के दूसरे सरसंघचालक थे। इस किताब में श्रीगुरूजी को कुशाग्र बुद्धिमता , निर्मत्य व्यक्तीमत्व आध्यात्मिक लगन इस की जानकारी है | मा.गांधीजी की हत्या के बाद संघ पर प्रतिबंध लगने के समय श्रीगुरुजी के कुशल नेतृत्व की जानकारी मिलती है | यह किताब श्रीगुरुजी के ३३ बार भारत भ्रमण का वर्णन है संघटन , व्यक्ती निर्माण , विविध क्षेत्र खोलना इस सब विषय पर श्रीगुरुजी का चिंतन इस किताब में मिलता है\n
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