कैद आपके दिमाग में होती है। चाबी आपकी जेब में है। अंत में, यह बहुत मायने नहीं रखता कि हमारे साथ क्या हुआ था - बल्कि मायने यह रखता है कि हम इसके साथ क्या करना पसंद करते हैं। हम सभी उदासी, नुकसान, निराशा, भय, व्यग्रता, विफलता जैसी परेशानियों का सामना करते हैं। लेकिन हमारे पास चुनने का विकल्प होता है - सदमा लगने या कठिनाइयों का सामना होने पर उनसे प्रभावित हो जाएँ अथवा हर क्षण एक उपहार की तरह जिएँ। जानी-मानी चिकित्सक और विश्व-युद्ध के नरसंहार में जीवित बचीं डॉ. ईडिथ ईगर हमारा मार्गदर्शन कर रही हैं जो हमें ऐसे विचारों और विनाशकारी व्यवहार को बदलने के लिए प्रोत्साहित करता है जो हमें सकारात्मक दिशा में जाने से रोक रहे हैं। ईगर अपनी ज़िंदगी और अपने मरीज़ों के जीवन से संबंधित कहानियों के प्रभावशाली सबकों द्बारा आपके जीवन के अंधेरे पलों को एक महान शिक्षक के रूप में अपनाने तथा हमारी अंतर्निहित ताक़त से मिलने वाली आज़ादी पाने में मदद करती हैं।
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EDITH EGERAdd a review
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