हवा में फड़फड़ाती चिट्ठी - \nकथाकार श्रद्धा की कहानियों में बदलते समय की महिला का जीवन्त चित्रण मिलता है। गृहस्थ और कामकाजी महिलाओं के स्वप्नों और आकांक्षाओं की गहनता से विश्लेषण करती इस संग्रह की कहानियों का फलक और संरचना मानीख़ेज है। श्रद्धा ने कहानियों के लिए अपना शिल्प विकसित किया है। कहानियों का विस्तार, विषय का चयन और उनका विकास एक नये कथाकार के लिए हमेशा चुनौती है लेकिन श्रद्धा ने इसे सघनता से हासिल किया है। इनकी कहानियों में घर परिवार की चिन्ता है तो आतंक और नक्सल जैसी जड़ जमाती समस्याओं पर भी नज़र है। वे बड़ी मार्मिकता से इन पर क़लम चलाती हैं। भारतीय ज्ञानपीठ की नवलेखन पुरस्कार से सम्मानित यह कृति निश्चय ही कथाकार के आगे की यात्रा का विस्तार साबित होगी।
श्रद्धा थवाईत - जन्म: अप्रैल 1979; जांजगीर (म.प्र.) । शिक्षा : एम.एससी. (वनस्पतिशास्त्र)। नया ज्ञानोदय, वागर्थ, साहित्य अमृत, पुरवाई, आदि पत्रिकाओं में कहानियाँ प्रकाशित एवं कथादेश, परिकथा, निकट आदि पत्रिकाओं में कहानियाँ शीघ्र प्रकाश्य । भारतीय ज्ञानपीठ के नवलेखन पुरस्कार 2016 तथा साहित्य अमृत युवा हिन्दी कहानीकार प्रतियोगिता 2015 में प्रथम स्थान।
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