Hindi Patrakarita Ke Shikhar Purush Ramvriksh Benipuri

  • Format:
  • ISBN: 9789352669684
  • Author:

मैं चुप रहा। वह बोलता गया-“तुम ऐसा करो, बेनीपुरी का जो 'मोनोग्राफ' तुम तैयार कर रहे हो, उसके लिए तुम सच्चाई की कल्पना के 'मोड' (Mode) में जाओ। खुद बेनीपुरी ने अपने बारे में जो कुछ लिखा और दूसरे समकालीनों ने उनके बारे में जो लिखा, उसको पढ़ो और देखो। पढ़कर देखने और पढ़ते-पढ़ते देखने का प्रयोग करो। माने यह कि तीन में से दो कारक तत्त्व-'देश' और 'काल'–को बारीबारी से स्थिर करते हुए पात्र' (बेनीपुरी) की मानसिक क्रियाओं के बॉडी लैंग्वेज' में या फिर बॉडी की क्रियाओं के मानसिक लैंग्वेज में हुए और हो सकनेवाले बदलाव (विकास) का तुलनात्मक अध्ययन करो! इस अभ्यास के आधार पर उनके कार्य और कार्य करने के प्रोसेस का ‘रीफ्रेमिंग' करो। फिर देखो, तुम्हें बेनीपुरी के पत्रकार बनने के कई रहस्य मालूम हो जाएँगे। वही लिखो। इसे पढ़कर कोई भी युवा सफल और श्रेष्ठ पत्रकार बनने के गुर जान सकेगा और अपने में पत्रकार का हुनर विकसित करने के लिए अपना गुरु आप बन सकेगा। तब पत्रकार बनना चाहनेवाला हर विद्यार्थी तुम्हारी किताब को खरीदेगा ही, इसलिए वह निरंतर छपती रहेगी। -इसी पुस्तक से.\n\n

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Hemant

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