भारत की अग्रणी भाषा होने के नाते हिंदी के लिए यह अपरिहार्य हो गया है कि वह नवप्रचलित नानाविध संदर्भानुकूल प्रभावी प्रयुक्तियों के जिसमें तुकांतता (राइमिंग) भी एक है, अपनाए। प्रस्तुत ‘हिंदी तुकांत कोश’ इस दिशा में एक आरंभिक प्रयास है। ‘हिंदी तुकांत कोश’ के प्रयोग से हिंदी के जानने वाले, विशेषतः हिंदी के छात्र, हिंदी की प्रभावोत्पादक अभिव्यक्ति शैली सै परिचित हो जाएँगे। छात्र अपने पाट्यक्रम में निर्धारित प्रोजेक्टों को समुचित रूप से पूरा करन में समर्थ होंगे और आवश्यकता पड़ने पर या शौकिया पद्य रचना संभवतः कविता रचना करने में सफल हो सकेंगे। साथ ही वाणिज्यिक विज्ञापनों जैसे ‘जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी’ बालगीतों फिल्मी टी.वी. गीतों तथा जनशक्ति प्रदर्शक नारों की रचना में भी यह कोश निस्संदेह उपादेय होगा।
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