Hollywood Bollywood

  • Format:

हॉलीवुड बॉलीवुड - मुम्बई के फ़िल्म निर्माताओं-निर्देशकों और उनके कैंप से जुड़े लोगों के लिए ये उत्तेजना भरे क्षण हैं। भारत से मनोरंजन का निर्यात 1998 के 40 मिलियन डॉलर से बढ़कर 200 मिलियन डॉलर की सीमा तक पहुँच चुका है। इसलिए कोई भी इस ऐश्वर्य के झाँसे में आ सकता है, जो भारतीय सिनेमा के उद्भव को लेकर गढ़ा जा रहा है, संक्षेप में कहें तो बॉलीवुड सिनेमा के इर्द-गिर्द और यह कहा जा रहा है कि विश्व मंच पर यह एक शक्ति के रूप में उभर रहा है। इस पुस्तक में कुछ ऐसे बहुसूचित लेखों का संकलन है, जिनके माध्यम से भारतीय सिनेमा के वैश्वीकरण की नवजात प्रक्रिया को तमाम चीज़ों से हटकर उचित दृष्टिकोण से देखने-समझने का प्रयास किया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि हर तरीक़े से, शोर-शराबे से हटकर, इस नयी घटना की ऊँचाइयों-निचाइयों को देखा-परखा जा सके और उसके माध्यम से इसकी एक सन्तुलित तस्वीर सामने आ सके जो आवश्यक नहीं कि अपने आप में पर्याप्त हो, लेकिन इस नयी परिघटना को समझने में जो सहायक हो।

अनवर जमाल - साहित्य में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त अनवर जमाल पहले स्वतन्त्र पत्रकारिता में हाथ आज़मा चुके हैं। उनको फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। संसार भर के सिनेमा समारोहों में वे अपनी फ़िल्मों के साथ शिरकत कर चुके हैं। दस वर्षों तक कई प्रसिद्ध डाक्यूमेंट्री बनाने के बाद अनवर जमाल ने सन् 2002 में अपनी पहली फ़ीचर फ़िल्म 'स्वराज-द लिटल रिपब्लिक' का निर्देशन किया। पिछले 18 वर्षों में अनेक फ़िल्मों का निर्माण और निर्देशन करने के अलावा वे राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों के निर्णायक मण्डलों में भी रहे हैं तथा वर्तमान में अन्तर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों के लिए भारतीय फ़िल्मों का चयन करते हैं। सैबल चटर्जी - अंग्रेज़ी में स्नातकोत्तर तक की शिक्षा प्राप्त सैवल चटर्जी स्वतन्त्र फ़िल्म समालोचक एवं वरिष्ठ पत्रकार हैं। 1984 से वे द टेली ग्राफ़, टाईम्स ऑफ़ इंडिया, आउटलुक और हिन्दुस्तान टाइम्स ऑनलाइन से जुड़े रहे हैं। उन्हें सन 2003 में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म आलोचक का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। आजकल वे अन्य प्रकाशनों में लेख लिखने के अलावा हिन्दुस्तान टाइम्स की वेबसाईट पर ऑनलाईन कॉलम लिखते हैं। वे एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के एनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ हिन्दी सिनेमा के सम्पादक भी रह चुके हैं।

अनवर जमाल और सैबल चटर्जी

Customer questions & answers

Add a review

Login to write a review.

Related products

Subscribe to Padhega India Newsletter!

Step into a world of stories, offers, and exclusive book buzz- right in your inbox! ✨

Subscribe to our newsletter today and never miss out on the magic of books, special deals, and insider updates. Let’s keep your reading journey inspired! 🌟