जे. कृष्णमूर्ति की चर्चित और लोकप्रिय पुस्तकों में से एक पुस्तक। यह पुस्तक उस पावन परमात्मा के लिए हमारी खोज को केन्द्र में रखती है। कठिनाइयों, विपत्तियों, दुःख, कष्ट और असमंजस में घिरा व्यक्ति जब किसी परमसत्ता से मार्गदर्शन और सहायता की आशा करता हुआ आस्था की ओर लौटता है तो उस 'रहस्यमय परमसत्ता' की वास्तविकता और खोज भी करता है। यही से प्रश्न उठते हैं कि 'मैं क्या हूँ-ईश्वर क्या है? जे. कृष्णमूर्ति व्यापक विवेचन करते हुए स्पष्ट करते हैं कि जब हम अपनी वैचारिकता के माध्यम से खोजना बंद कर दें तभी हम यथार्थ, सत्य अथवा आनंद की अनुभूति कर पाएंगे।
J. Krishnamurti (1895-1986), the renowned spiritual teacher, shared his wisdom in lectures and many books, including Freedom from the Known, The First and Last Freedom, and The Awakening of Intelligence.
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