इस संग्रह और इससे पूर्व की कविताएँ इस बात का प्रमाण प्रस्तुत करती हैं कि अनूप कुमार सूक्ष्मतम पर्यवेक्षण और जीवनधर्मी विवेक के कवि हैं। उनकी कविताओं में अभिव्यक्त राजनीतिक चेतना यह संकेतित करती है कि वे जीवन और समाज में होने वाली गतिविधियों और घटनाओं को एकांगी दृष्टि से नहीं देखते। इसीलिए उनकी कविताएँ एकरैखिक न होकर बहुस्तरीय और संश्लिष्ट हैं। वे आपको विचलित करती हुई अवाक् कर देती हैं। आप एकाएक सन्नाटे में आ जाते हैं और सामने दीखती हुई चमक के पीछे की कालिमा आपकी पुतलियों के सामने…
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