जायसी - यह जायसी का नया संस्करण है और इस संस्करण में उनका एक ग्रन्थ 'आख़िरी क़लाम' फ़ारसी लिपि में बहुत पुराना प्रकाशित हुआ हाल में प्राप्त हुआ, उसे भी इस संस्करण में सम्मिलित कर लिया गया है। इसकी भाषा 'पद्मावत' और 'अखरावट' की अपेक्षा अधिक ठेठ और बोलचाल की अवधी और फ़ारसी अक्षरों में लिखी हुई। इस पुस्तक में इस्लाम की मज़हबी किताबों के अनुसार क़यामत के दिनों का विस्तार से वर्णन है। किताब में इस बात का ज़िक्र है कि किस प्रकार जल प्रलय होगा, सूर्य बहुत निकट आकर पृथ्वी को तपा देगा। सारे जीव-जन्तु और फ़रिश्तों का जीवन भी समाप्त हो जायेगा। ईश्वर न्याय करने बैठेगा और अपने अपराधों के कारण सारे प्राणी थरथर काँपेंगे। इन्हीं सब बातों के ब्यौरेनुमा क़िस्से इस छोटी-सी पुस्तक में है।
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल - आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (11 अक्टूबर, 1884 - 2 फ़रवरी, 1941) हिन्दी आलोचक, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे। उनके द्वारा लिखी गयी सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है हिन्दी साहित्य का इतिहास, जिसके द्वारा आज भी काल निर्धारण एवं पाठ्यक्रम निर्माण में सहायता ली जाती है। हिन्दी में पाठ आधारित वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात भी उन्हीं के द्वारा हुआ। हिन्दी निबन्ध के क्षेत्र में भी शुक्ल जी का महत्त्वपूर्ण योगदान है। भाव, मनोविकार सम्बन्धित मनोविश्लेषणात्मक निबन्ध उनके प्रमुख हस्ताक्षर हैं। शुक्ल जी ने इतिहास लेखन में रचनाकार के जीवन और पाठ को समान महत्त्व दिया। उन्होंने प्रासंगिकता के दृष्टिकोण से साहित्यिक प्रत्ययों एवं रस आदि की पुनःव्याख्या की।
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