जायसी ग्रंथावली - 'जायसी ग्रंथावली' आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा लिखित आलोचनात्मक कृति है। इसके अन्तर्गत मलिक मुहम्मद जायसी की पद्मावत का आलोचनात्मक मूल्यांकन किया गया है। कई खण्डों में विभक्त यह पुस्तक तत्कालीन समय के इतिहास को एक नवीन दृष्टि से देखती हुई प्रतीत होती है। पुस्तक का उद्देश्य भी यही है कि पाठक वर्ग जायसी ग्रंथावली के कठिन शब्दों, वाक्यों और विवेचनों को उचित अर्थों में समझ सकें। पुस्तक की सुलझी हुई रूपरेखा पाठकों को इसे आत्मसात करने में सुविधा प्रदान करेगी।
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल - आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (11 अक्टूबर, 1884 - 2 फ़रवरी, 1941) हिन्दी आलोचक, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे। उनके द्वारा लिखी गयी सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है हिन्दी साहित्य का इतिहास, जिसके द्वारा आज भी काल निर्धारण एवं पाठ्यक्रम निर्माण में सहायता ली जाती है। हिन्दी में पाठ आधारित वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात भी उन्हीं के द्वारा हुआ। हिन्दी निबन्ध के क्षेत्र में भी शुक्ल जी का महत्त्वपूर्ण योगदान है। भाव, मनोविकार सम्बन्धित मनोविश्लेषणात्मक निबन्ध उनके प्रमुख हस्ताक्षर हैं। शुक्ल जी ने इतिहास लेखन में रचनाकार के जीवन और पाठ को समान महत्त्व दिया। उन्होंने प्रासंगिकता के दृष्टिकोण से साहित्यिक प्रत्ययों एवं रस आदि की पुनःव्याख्या की।
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