Kabhi Gaanv Kabhi College । कभी गाँव कभी कॉलेज

  • Format:

ये कहानी है ऊँची दुकान के फ़ीके पकवानों की, बड़े-बड़े नाम वालों की, पर छोटे दर्शन वालों की। कहानी में जब-जब कॉलेज का ज्वार चढ़ता है, गाँव में आते ही भाटा सिर पर फूट जाता है। कहानी के किरदार ऐसे कि प्रैक्टिकल होने के नाम पर ग़रीब आदमी की लंगोट भी खींच लें। कुछ कॉलेज के छात्र ऐसे हैं जिनकी जेबों तक से गाँव की मिट्टी की सुगंध आती है और कुछ ऐसे जो अच्छे शहरों की परवरिश से आकर इस ओखली में अपना सि‍र दे गए हैं। कहानी के हर छात्र का सपना आईएएस/आईपीएस बनने का नहीं है, कोई सरपंच भी बनना चाहता है तो कोई कॉलेज ख़त्म होने के पहले ही ब्याह का प्लेसमेंट चाहता है। कहानी में अर्श है और फ़र्श भी, आसमान भी है और खजूर भी। कहानी में गाँव में कॉलेज है या कॉलेज में गाँव, प्रेम जीतता है या पढ़ाई, दोस्ती जीतती है या लड़ाई– ये आपको तय करना है।

??? ??? ?? ????? ??????? ?? ??????? ??? ?? ???? ?????? ??? ????????? ??? ???? ?Decode UPSC? ?????? ???????? ?? ??????????? ?? ??? ????? ??????? ??? ???-??? ?? ????????, ????????? ?? ???? ?????? ?? ??????? ??? ???? ??? ????? ???? ???? ???????? ?????????????, ?????? ?? ????? ?? ??? ?????? ????? ???? (??????) ?? ??????? ???? ??????? ??? ????? ??? ????? ????

Agam Jain

Customer questions & answers

Add a review

Login to write a review.

Related products

Subscribe to Padhega India Newsletter!

Step into a world of stories, offers, and exclusive book buzz- right in your inbox! ✨

Subscribe to our newsletter today and never miss out on the magic of books, special deals, and insider updates. Let’s keep your reading journey inspired! 🌟