संत-भक्त कवि यों मेंसबसेअलग और विशिष्ट स्थान है कबीर का। सधुक्कड़ी भाषा मेंफक्कड़पन सेजो कुछ कह गए दास कबीर, वैसा तीखा और विद्रोही स्वर किसी का न रहा। भारतीय जन-मानस पर कबीर की अमिट छाप है,है जिन्होंनेधर्म, जाति, आडंबडं रों और अंधविश्वासों पर तीखा प्रहार किया। कबीर के भजन, उनके दोहे और कुंडलियाँजो कि उन्होंनेरचीं, एक-एक रचना मेंवह अपनेठेठ ढंगढं सेजीवन को सही तरह से जीने की प्रेरणा देतेदे हैं तथा मानव-मात्र की एकता पर बल देतेदे हैं।हैंपढ़िए संतसं कवि की रोचक जीवनी और रचनाएँ।एँ
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Sudarshan ChopraAdd a review
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