वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित प्रसिद्ध लेखक प्रभात रंजन लघु प्रेम की बड़ी कहानियाँ ‘कोठगोई : चतुर्भुज स्थान के किस्से’ पर प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक इम्तियाज़ अली का कहना है – “बोरिंग चीज़ें नहीं चलती, जिनमें रस होता है वही चलती हैं, वही देर तक मौजूद रहती हैं। कोठों की किस्सागोई मुल्क के बदलते वक़्त का दिलचस्प और यादगार मकाम है। किस्से गुमनाम गायिकाओं के हैं। जिनको समाज ने बदनाम कहा। लेकिन उनकी श्रेष्ठ कला को लोग भूलते जा रहे हैं। उन बदनाम कही जाने वाली गायिकाओं की विरासत को एक सलाम है ‘कोठगोई’। प्रभात रंजन की कोठगोई इस संस्कृति से प्रेरित किस्सों का एक मज़ेदार संग्रह है।”
प्रभात रंजन जन्म : 3 नवम्बर 1970, सीतामढ़ी, बिहार। विधाएँ: कहानी, आलोचना । प्रमुख कृतियाँ : जानकीपुल, बोलेरो क्लास (कहानी संग्रह); पत्रकारिता के युग निर्माता : मनोहर श्याम जोशी, मार्केज़ : जादुई यथार्थ का जादूगर (आलोचना) । अनुवाद : एन फ्रैंक की डायरी, श्रीनगर का षड्यन्त्र सहित 18 पुस्तकों के अनुवाद प्रकाशित । राही मासूम रज़ा के प्रसिद्ध धारावाहिक 'नीम का पेड़ ' का उपन्यास रूपान्तरण प्रकाशित । ब्लॉग : जानकीपुल.कॉम सम्पादन: बहुवचन के छह अंकों का सम्पादन । सम्मान : प्रेमचन्द सम्मान, सहारा समय कथा सम्मान, कृष्ण बलदेव वैद फेलोशिप, एबीपी न्यूज सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर सम्मान । सम्पर्क : ज़ाकिर हुसैन सान्ध्य महाविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू मार्ग, नयी दिल्ली-110002
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