आध्यात्मिक विचारधारा भ्रमित भी कर सकती है। वर्तमान युग की उन्मत्त गति ने उन बन्धनों को ढील दी जो हमारे पूर्वजों को प्रार्थना और विश्वास से जोड़े हुए थे। लेकिन रोल मॉडल हमें अपनी राह फिर खोजने में मदद कर सकते हैं। कृपा सिन्धु में प्रसिद्ध इस्कॉन साधू नित्यानन्द चरण दास पाठकों को उन इक्कीस असाधारण प्रतीकों के जीवन से परिचित करा रहे हैं जो अपनी शिक्षाओं और जीवन के माध्यम से आध्यात्मिक मार्गदर्शक बने।\n\nमीराबाई और रामानुजाचार्य से लेकर सन्त तुकाराम और आदि शंकराचार्य तक–महान आत्माओं का जीवन एक स्तर पर सबसे आवश्यक आध्यात्मिक सिद्धान्तों का व्यावहारिक प्रदर्शन ही है। हालांकि, नित्यानन्द चरण दास का उद्देश्य न केवल उनकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की समृद्धि का उल्लेख करना है, बल्कि पाठकों को यह बताना भी है कि नित्य के कार्यों और विकल्पों से ही सीखा जा सकता है। कृपा सिन्धु प्रेरणादायक होने के साथ आशा भी प्रदान करती है : हमारी यात्रा कितनी भी दोषपूर्ण क्यों न रही हो, आध्यात्मिक मुक्ति सबके लिए सुलभ और सहज है।
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