अगर इतिहास को सरल तरीके से, रोचकता के साथ प्रस्तुत किया जाए तो हर पाठक दिलचस्प के साथ पढ सकता है, क्योंकि उसे युद्धों और संधियों की तिथियाँ याद रखने में कोई दिलचस्पी न होगी। इसी सिलसिले में आचार्य चतुरसेन शास्त्री जी की रचना ’लाल किला’ एक पठनीय रचना के रूप में में उपलब्ध है। उन्होंने इतिहास को बहुत रोचक तरीके से प्रस्तुत किया है। हालांकि यह इतिहास लाल किले को आधार बना कर लिखा गया है, जिसमें हुमायूँ से लेकर अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर तक का वर्णन मिलता है, परंतु यह मुगल काल का अनछुआ इतिहास है। लाल किला सदियों से भारत की आन-बान-शान का प्रतीक रहा है। लाल किला में रहकर सारे हिन्दुस्तान पर शासन चलाने वाले मुग़ल बादशाहों की रोचक और मार्मिक दास्तान को इस उपन्यास में बड़ी ही बारीकी और सजीवता से उकेरा गया है।
?????? ??????? ???????? ????? ???? ?? ?? ???? ?????????? ??? ???? ?????? ???? ???????? ?????? ?? ?????? ??? ???? ?????? ??????? '????', '??????', '??????????' ?? '??????' ?? ?????? ??????? ???? ??? ???? ???? ???? ?? ?? ???? ??????? ????????? ???????? ?? ?? ????? ??????, ?????????, ????, ??????, ????????, ?? ????? ?????? ?? ?? ?????????? ???????? ???? ????
Aacharya ChatursenAdd a review
Login to write a review.
Customer questions & answers