Maat Aur Maat

  • Format:

मात और मात - \nनीला प्रसाद का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वे पिछले कुछ दशकों से कहानियाँ लिख रही हैं और उन्होंने कथा-साहित्य में अपनी एक जगह बनाई है। प्रस्तुत संग्रह की कहानियाँ 'नया ज्ञानोदय' सहित 'पाखी', 'अकार', 'कथादेश' आदि कई साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। नीला प्रसाद का कथा-संसार उत्तरोत्तर बड़ा और गहरा होता गया है और उनके अनुभवों में लगातार एक नवीनता बनी रही है। वे अपनी कहानियों में भाषा, विषय और शिल्प के प्रयोग लगातार करती रही हैं। स्त्री जगत के अनुभवों को खोलने के बावजूद वे नारीवाद का झण्डा नहीं उठातीं। वे बहुत चुपचाप अपनी निर्दोष क़लम से समसामयिक यथार्थ के अनुभवों को उनके समस्त आयामों और सच के साथ बड़े सुरुचिपूर्ण ढंग से काग़ज़ पर उतार देती हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह संग्रह कथा प्रेमियों को आकर्षित करेगा।

नीला प्रसाद - जन्म: 10 दिसम्बर, 1961 को राँची में। शिक्षा : बी.एससी. (फिज़िक्स ऑनर्स) के उपरान्त पर्सनेल मैनेजमेंट और इंडस्ट्रियल रिलेशन में पी.जी. डिप्लोमा। लेखन पिता की विरासत है। कहानी, उपन्यास, लेख, समीक्षा, कविता। रेडियो नाटक भी लिखे हैं। अब तक तीन कहानी संग्रह 'सातवीं औरत का घर', 'चालीस साल की कुँवारी लड़की' तथा 'ईश्वर चुप है' प्रकाशित। करिअर की व्यस्तताएँ और चुनौतियाँ निभाते लेखन की नियमितता बनाये रखने की कोशिश। दो वैचारिक लेख म.गा.अं.हि.वि., वर्धा के स्त्री विषयक पाठ्यक्रम में कई कहानियाँ विषय विशेष से सम्बन्धित संकलनों में चयनित प्रकाशित तथा शोध में सम्मिलित। पहले कहानी संग्रह पर डिसर्टेशन थीसिस। कुछ कहानियाँ मराठी, गुजराती और तेलुगू में अनूदित। राष्ट्रीय स्तर के सम्मान : कहानी संग्रह 'सातवीं औरत का घर' के लिए 2011 का विजय वर्मा कथा सम्मान। कथाक्रम का कमलेश्वर स्मृति कथा पुरस्कार 2014। प्रबन्धन सम्बन्धी लेख के लिए 1993 का एन.आई.पी.एम. नेशनल यंग मैनेजर्स अवॉर्ड।

नीला प्रसाद

Customer questions & answers

Add a review

Login to write a review.

Related products

Subscribe to Padhega India Newsletter!

Step into a world of stories, offers, and exclusive book buzz- right in your inbox! ✨

Subscribe to our newsletter today and never miss out on the magic of books, special deals, and insider updates. Let’s keep your reading journey inspired! 🌟