मूर्तियों के जंगल में कवि, संपादक सुभाष राय का नवीन कविता संग्रह है। सुभाष राय की कविताएँ सकारात्मकता को प्रस्तावित करते हुए समाज की प्रतिगामी शक्तियों का विरोध करती हैं। इनकी कविताओं में वर्तमान जीवन गहरे धँसा हुआ है।
Add a review
Login to write a review.
Customer questions & answers